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ग्रामोदय परियोजना

ग्रामोदय परियोजना
भारत के 83 करोड लोग अर्थात् कुल जनसंख्या का 70 % लोग गांवों में निवास करते हैं। इससे भारत के गांवों में रहने वाले विशाल मानव संसाधन का पता चलता है। इस संसाधन की महत्ता इस तथ्य से और अधिक बढ जाती है कि भारत एक कृषि आधारित अर्थव्यवस्था है। भारत के गाँव भी पारंपरिक ज्ञान, हस्तशिल्प, हथकरघा आदि जैसे मूर्त और अमूर्त संपत्ति के मामले में असाधारण संसाधन को अपने अंदर समाये हुए हैं।
भारत की आजादी के बाद के वर्षों में ग्रामीण क्षेत्रों के विकास पर उचित ध्यान नहीं दिया गया। हालांकि पिछले कुछ दशकों में इस मोर्चे पर काफी बदलाव आया है। पिछले कुछ वर्षों में, सरकार ने शहरी विकास और औद्योगिक विकास के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों के विकास पर विशेष जोर दिया है। गांवों को विकास प्रक्रिया में शामिल करने के कई लाभ होते हैं जैसे कि समावेशी विकास, किसान कल्याण और उनके आय में वृद्धि, माध्यमिक उद्योगों को समर्थन इत्यादि। सरकारों द्वारा किए गए प्रयास काफी हद तक लाभकारी हैं, लेकिन योजनाओं के इच्छित परिणामों और वास्तविक धरातल पर मिलने वाले परिणामों के बीच एक गहरी खाई है। सरकारी योजनाओं और उसके लक्षित दर्शकों के बीच की खाई को पाटने के लिए हमें इस विषय पर तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है। ग्रामोदय परियोजना इस मूलभूत
चिंता को ध्यान में रखते हुए कार्य करता हैं। एक संगठन के रूप में अगम देश के दूर-दराज के क्षेत्रों में समाज के अंतिम पायदान पर खडे व्यक्ति तक सरकारी योजनाओं के लाभ को पहुँचाने का कार्य करता है।
इस पहल को बढ़ावा देने के लिए ग्रामोदय परियोजना एक उपकरण की भाँति है। ग्रामोदय परियोजना नीचे-से-ऊपर (bottom-up approach) के कार्यप्रणाली का उपयोग करती है, जिसमे बच्चे परिवर्तन के प्रतिनिधि(Agents of Change) की भाँति हैं। हमने बच्चों को शिक्षित करने के उद्देश्य से ग्राम शिक्षा और सुचना केंद्र (GSSK) की स्थापना की है। ग्राम शिक्षा और सुचना केंद्र, जरुरतमंद बच्चों को आधुनिक तकनीकी हस्तक्षेप के माध्यम से अंग्रेजी, गणित, कंप्यूटर और नैतिक शिक्षा जैसे विषयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करता है तथा उनमें परिवर्तन लाने के लिए एक परिवर्तन केंद्र (Centre of Change) के रूप में कार्य करता है।
ऐसे प्रत्येक ग्राम शिक्षा और सुचना केंद्र पर एक ग्राम मित्र की नियुक्ति की गई है जो हमारे लिए गाँव से संपर्क साधने के लिए प्रथम व्यक्ति है। ग्राम मित्र न केवल हमारे केंद्र मे नामांकित छात्रों को पढाते हैं बल्कि अन्य प्रशासनिक कार्य भी करते हैं जैसे कि केंद्र की जरूरतों का आकलन करना, छात्रों की आवश्यकताओं की पहचान करना, पर्यावरण दिवस, सुशासन दिवस, स्वतंत्रता दिवस आदि विशेष दिवसों का आयोजन करना, छात्रों के अभिभावकों के लिए तथा गाँव के अन्य लोगों का लिए जागरुकता अभियानों तथा कार्यक्रमों का आयोजन करना आदि।
बभनियावाँ गाँव में भ्रष्टाचार विरोधी दिवस समारोह (9 दिसंबर 2018)
पर्यावरण दिवस (5 जून 2018) के अवसर पर चित्रकला प्रतियोगिता
ग्रामोदय परियोजना के महत्वपूर्ण तत्वों में से एक सुशासन के क्षेत्र में तकनीकी हस्तक्षेप है। इसका उपयोग ग्रामोदय परियोजना की संरचना और कार्यप्रणाली में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए भी किया जा रहा है, इसके अलावा, हमारे कंप्यूटर सेंटर में छात्रों और अन्य इच्छुक व्यक्तियों विशेषकर लडकियों और स्त्रियों को डिजिटल साक्षरता प्रदान की जा रही है।
हम न केवल ग्रामीण लोगों को उनके नागरिक अधिकारों के बारे में जागरूक करने के लिए बल्कि उन्हें राज्य और केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित सामाजिक कल्याण योजनाओं के बारे में सूचित करने के लिए नियमित आधार पर जागरूकता शिविरों का आयोजन करते हैं।
साथ ही लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान करने के लिए तथा पूरे समुदाय को स्वास्थ्य मुद्दों के बारे में संवेदनशील बनाने के उद्देश्य से गाँवों में स्वास्थ्य शिविर का आयोजन नियमित रूप से करते हैं।
हाल ही में, हमने कुछ अन्य पहल की हैं जैसे - स्थानीय किसानों को जैविक खेती और इसके लाभों के बारे में शिक्षित करना, नारी सशक्तीकरण कार्यक्रम जैसे – स्थानीय स्त्रियों को सिलाई मशीन, कढ़ाई, कला, और डिजाइनिंग कौशल इत्यादि का प्रशिक्षण देना जो उनकी आजीविका में सहायता कर सके इत्यादि।
वर्तमान में, ग्रामोदय परियोजना उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले के बभनियावाँ और दार्जीपुरवाँ नामक दो गाँवों में कार्यान्वित की जा रही है और हम इस परियोजना के तहत पूरे भारत में अन्य गाँवों की सेवा करने के लिए लगातार प्रयत्नशील हैं।