भ्रष्टाचार - निरोध और पारदर्शिता

भ्रष्टाचार - निरोध और पारदर्शिता
भ्रष्टाचार और कार्यप्रणाली में पारदर्शिता की कमी देश के आर्थिक विकास में प्रमुख बाधक है। इससे जन कल्याण के लिए बनायी गई योजनाओं मे प्रयुक्त संसाधनों का दुरुपयोग व्यक्ति के अनैतिक लाभ के लिए होता हैं। यह ईमानदार लोगों के काम करने की क्षमता को भी गंभीर रूप से प्रभावित करता है और वास्तव में भारत में भ्रष्टाचार का जाल ऐसा बुना हुआ है कि इस व्यवस्था के साथ लंबे समय तक काम करने वाले ईमानदार व्यक्ति भी भ्रष्ट आचरण अपनाने के लिए मजबूर हो जाते हैं।
हमारे समाज में वैश्विक रुप से भी भ्रष्टाचार का प्रभाव ऐसा है कि 2015 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा अपनाए गए सततपोषणीय विकास के लक्ष्यों (SDGs) में भी इसे महत्वपूर्ण स्थान दिया गया हैं तथा भ्रष्टाचार और शांतिपूर्ण, न्यायसंगत एवं सर्वसमावेशी समाज के बीच एक स्पष्ट संबंध दर्शाया गया हैं। SDG 16 और इसके लक्ष्य जैसे - रिश्वतखोरी को कम करना, संस्थानों को मजबूत करना और सूचनाएँ प्राप्त करना इत्यादि न केवल अपने आप में मूल्यवान आकांक्षाएं हैं, बल्कि वे सभी सत्रह सततपोषणीय विकास के लक्ष्यों (SDGs) की प्राप्ति के लिए महत्वपूर्ण शर्तें भी हैं।
अगम, मुख्य रूप से भारत में मौजूद विभिन्न भ्रष्टाचार कानूनों, सूचना का अधिकार अधिनियम इत्यादि के बारे में आम जनता में जागरूकता बढ़ाकर और इस शक्तिशाली उपकरणों का उपयोग करने के बारे में लोगों को प्रशिक्षित करके भ्रष्टाचार को कम करने और वर्तमान व्यवस्था की जवाबदेही बढ़ाने के लिए अपना ध्यान केंद्रित करता है। अगम भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए, राज्य स्तरों पर कानूनी और नीतिगत सुधारों की वकालत करता है, संस्थानों, व्यक्तियों और भ्रष्टाचार का सामना करने के इच्छुक कंपनियों के लिए व्यावहारिक उपकरण डिजाइन करता है; और भारत में भ्रष्टाचार विरोधी विशेषज्ञता के एक प्रमुख केंद्र के रूप में कार्य करता है।
हमारे उद्देश्य -
- सार्वजनिक जीवन में पारदर्शिता और अखंडता लाने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाना।
- भ्रष्टाचार की बुराइयों के बारे में जनता को जागरुक करना और शिक्षित करना।
- भ्रष्टाचार, रिश्वत के लेन-देन को कम करना, सत्ता के दुरुपयोग के विरुद्ध लोगो में दृढता पैदा करना, और सुशासन और कानून के शासन को बढ़ावा देना।
- नैतिक और पारदर्शी शासन व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए जनता को सक्रिय भूमिका निभाने के लिए प्रोत्साहित करना।
हमारे प्रयास
ग्रामीण उत्तर प्रदेश के गांवों को भ्रष्टाचार के खिलाफ कदम उठाने के लिए हमनें आवाज़ दी है। पीड़ितों और भ्रष्टाचार के गवाहों को आवाज देने के लिए हम केन्द्र और राज्य सरकारों, अनेक समान विचार वाले नागरिक समाज संगठनों, व्यवसायी वर्ग के लोगों, शिक्षाविदों, मीडिया के बंधुओं और आम नागरिकों के साथ मिलकर देश के हित में काम करते हैं, ।
सूचना का अधिकार सप्ताह
प्रत्येक वर्ष हम अक्टूबर के महीने में सूचना का अधिकार सप्ताह (RTI Week) मनाते हैं, ताकि आम लोगों के बीच सूचना के अधिकार अधिनियम के बारे में जागरूकता बढ़े और भारत के आम नागरिक इस अधिनियम का उपयोग व्यवस्था की पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए एक उपकरण के रूप में कर सके। हमने लोगों को सार्वजनिक अधिकारियों की जवाबदेही की मांग करने और जमीनी स्तर पर हर जनकल्याणकारी योजनाओं के कार्यान्वयन में सतर्कता बरतने के लिए प्रोत्साहित किया है।
भ्रष्टाचार विरोधी दिवस
सूचना का अधिकारसप्ताह की भांति ही हम हर साल संयुक्त राष्ट्र द्वारा तय किए गए विषयों के अनुसार अंतर्राष्ट्रीय भ्रष्टाचार विरोधी दिवस मनाते हैं। इस विशेष दिन का उपयोग दुनिया भर में सभी लोगों को भ्रष्टाचार और उससे निपटने के लिए किए जा सकने वाले उपायों के बारे में जागरुक करने के लिए किया जाता है। हम इस मुद्दे पर जागरुकता रैलियां और लोगों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करते हैं।